Wednesday, November 3, 2010
जायका मीठे का
बात उन दिनों की है जनाब,
जब हम होते थे हर जशन के साथी|
खुशिओं के हर डाक के संग,
हमारी महक रौनक फैलाती|
पप्पू जब भी पास हुआ था,
शर्मा जी की हुई तरक्की,
इकबाल मियां ने पहली कार खरीदी,
या हुई थी जब मिश्रा जी की शादी पक्की|
जब गूंजी थी वो पहली किलकारी,
जब आँगन में फैला था हर्षौल्लास,
सबका मुह मीठा कराकर ही,
अपनी खुशियों का ज़ाहिर किया था एहसास|
बात उन दिनों की है जनाब,
जब मामूली दिन को हम उत्सव बनाते थे|
हम चखने चखाने में ही लेते थे आनंद,
किलो पाव की गिनती नहीं गिनाते थे|
जब माँ छुपाती थी हमको बच्चों से,
कभी डब्बों में कभी अलमारी के अन्दर,
सूंघ सूंघ के हर कोने पर,
सफल हो ही जाते थे नन्हे धुरंदर|
हमारे जायके के किस्से तो,
हर घर, हर गली में फैले ज़रूर है|
बच्चों के संग संग बड़ों के भी,
ललचाने के पल मशहूर है|
पर अब न जाने क्यों समय बदल चुका है,
पीढ़ियों का ये चक्र अपनी परिक्रमा चल चुका है|
अब मुह मीठा करने की बात पे ये आदम,
चोकोलेट से तुलना में लग चुका है|
कुछ कद्रदान अब भी है हमारे,
जो diabetes से डर कर नहीं बैठ जाते|
दूध संग जलेबी का स्वाद अब भी लेते है,
उसका प्रयोग सीधे होने के मुहावरे तक सीमित नहीं बनाते|
उत्सव के हर अवसर पर,
चांदी का वर्क हमारा गहना बना|
आज बनाने वाले ने ही ख़ुशी में कर दी मिलावट,
तो अब सवालों का उठना तो लाज़मी बना|
खबरों में हमारी चर्चा,
हमारे स्वाद की प्रशंसा में होती भली|
पर अब तो जनाब खबरें भी,
हमारी मिठास में कड़वाहट घोलती चली|
हर कोने से हम सब पर,
आक्रमण के तीर चले|
पर अब भी हमारे कुछ कद्रदान,
हमारी चाह में कई मील चले|
ये व्यथा नहीं उल्लास का समय है,
फिर बंध रहा है खुशियों का रंग|
बीते समय की मीठी यादें बटोरिये,
और सजाइए थाली में मीठे का संग|
घर पर सब मिलकर बनाएं,
या चखे हलवाई के हाथ का कमाल |
बात उन दिनों या इन दिनों की नहीं है जनाब,
ये तो बस संग मौज मनाने का है सवाल |
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5 comments:
Masst..
I liked the line *Huyi Thi Jab Mishra Ji Ki Shaadi Pakki*.!!
:D
he he he!!
SWEET like Sweets..!!
too good sirji..!!
kya baat, kya baat, kya baat :P
mazza agaya...ab bata khila kab raha hai?
wowww...sweets..:):) true no chocolate can beat it..!!!
esp milk jalebi..:D:D
maa kasam ice-man u rock dude!
was nice to see a post in hindi for a change...the poem was fantastic captured the essence of what we witnessed as children...
btw thanx for the badam barfi :D
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