रात के कमरे की जब लाइट जलाई
कुछ पहचाने, कुछ अंजान किरदारों ने दुकान लगाई|
कुछ पहचाने, कुछ अंजान किरदारों ने दुकान लगाई|
शाम अपना काम निपटा घर की ओर निकल पड़ी
सुबह का बीज फूटने के पहले रात ने ड्यूटी लगाई |
सुबह का बीज फूटने के पहले रात ने ड्यूटी लगाई |
वो पलकें जो हर सुबह सपनो को भरकर वाएदा लिए चलती है,
शाम होते, जद्दोजहद की मार से ज़मीन को तॅकती है
शॉपिंग की अंधादून लिस्ट में अपनी भविष्यवाणी को ढूँढती आँखें
प्याज़ टमाटर के गणित में अपने मकसद से चूकती है |
शाम होते, जद्दोजहद की मार से ज़मीन को तॅकती है
शॉपिंग की अंधादून लिस्ट में अपनी भविष्यवाणी को ढूँढती आँखें
प्याज़ टमाटर के गणित में अपने मकसद से चूकती है |
दिन के हर एमोशन को गर कोई बॅकग्राउंड म्यूज़िक समेट पाता
इस स्माल स्टेप से passion में एक जाइयंट लीप आता|
इस स्माल स्टेप से passion में एक जाइयंट लीप आता|
पर शाम की चकाचोंध सुबह तक हनी के गीतों में है खिच जाती
आख़िर जगजीत के उस रूमानी ग़ज़ल का ठहराव कहा गुम हो जाता|
आख़िर जगजीत के उस रूमानी ग़ज़ल का ठहराव कहा गुम हो जाता|
रात के कमरे की जब light जलाई
ज़हन अपना बही खाता ले बैठ जाता
आख़िर सुबह को उसके सपनों का हिसाब जो देना है
नही तो शायद वो उस सामान को लौटाने की ज़िद पे अड़ जाए
रात के कमरे की लाइट की बिजली ले उड़ जाए।
ज़हन अपना बही खाता ले बैठ जाता
आख़िर सुबह को उसके सपनों का हिसाब जो देना है
नही तो शायद वो उस सामान को लौटाने की ज़िद पे अड़ जाए
रात के कमरे की लाइट की बिजली ले उड़ जाए।